Vyakti Vachak Sangya | व्यक्ति वाचक संज्ञा

व्यक्ति वाचक संज्ञा, संज्ञा के मुख्य प्रकार में से एक है। इस संज्ञा का उपयोग किसी व्यक्ति, विशेष स्थान और विशेष वस्तु कआ उच्चारण /बोध करने के लिए किया जाता है। उसे ही व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते है।

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Reported by Rohit Kumar

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व्यक्ति वाचक संज्ञा, संज्ञा के मुख्य प्रकार में से एक है। इस संज्ञा का उपयोग किसी व्यक्ति, विशेष स्थान और विशेष वस्तु कआ उच्चारण /बोध करने के लिए किया जाता है। उसे ही व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते है। व्यक्ति वाचक संज्ञा को आसान भाषा में समझने के लिए सबसे पहले संज्ञा की परिभाषा और उसके भेद की जानकारी होना बेहद जरुरी है।

उदाहरण के रूप में –

  • व्यक्ति विशेष – नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह, राहुल, रमेश, पूजा, आरती, रोहन, सोहन आदि।
  • विशेष स्थान के लिए – दिल्ली, राजस्थान, असम, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मुंबई, चीन, अमेरिका, जापान आदि।
  • विशेष वस्तु के लिए – रामायण, गीता, महाभारत, सामवेद, यजुर्वेद, ऋग्वेद, शिव पुराण आदि।

(व्यक्ति विशेष के आधार पर) व्यक्ति वाचक संज्ञा के उदाहरण-

  • सोहन नाच रहा है।
  • राम सो रहा है।
  • पूजा विद्यालय जा रही है।
  • नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले दिल्ली की यात्रा की थी।
  • राहुल बहुत महान व्यक्ति है।
Vyakti Vachak Sangya | व्यक्ति वाचक संज्ञा
Vyakti Vachak Sangya

ऊपर बताएं गए सभी उदाहरणों में सोहन, राम, पूजा,नरेंद्र मोदी और राहुल किसी एक व्यक्ति के नाम का प्रयोग/बोध हो रहा है। एक व्यक्ति का बोध होने पर वह व्यक्ति वाचक संज्ञा कहलाता है।

(विशेष स्थान के आधार पर) व्यक्ति वाचक संज्ञा के उदाहरण-

  • असम बहुत ही खूबसूरत जगह है।
  • उत्तरप्रदेश में बहुत राजकीय कर्मी है।
  • उत्तराखंड राज्य में सबसे अधिक पहाड़िया है।
  • राजस्थान का जैसलमेर शहर रेत से घिरा हुआ है।

ऊपर बताएं गए उदाहरणों में सभी वाक्य में किसी विशेष स्थान का बोध हो रहा है, न की अनेक स्थानों का। इसलिए यह व्यक्ति वाचक संज्ञा है।

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(विशेष वस्तु के आधार पर) व्यक्ति वाचक संज्ञा के उदाहरण-

  • हमारे देश में सबसे अधिक पवित्र रामायण को मन जाता है।
  • प्रत्येक व्यक्ति को गीता पुस्तक का ज्ञान होना चाहिए।
  • हिन्दू समाज में शिव पुराण को बहुत शुद्ध माना जाता है।

बताएं गए उदाहरणों में सभी वाक्यों में रामायण, गीता पुस्तक और शिव पुराण ग्रंन्थ का उच्चारण हुआ है, इसलिए यह भी व्यक्ति वाचक संज्ञा है।

व्यक्ति वाचक संज्ञा की पहचान क्या होती है ?

जब हम किसी वाक्य में किसी एक व्यक्ति, एक स्थान और एक वस्तु की बात करते है तो वह व्यक्ति वाचक संज्ञा होती है, इसमें एक से अधिक व्यक्ति,स्थान और वस्तु का प्रयोग नहीं होता है। आसान शब्दो में, व्यक्ति वाचक संज्ञा हमेशा एकवचन होती है, न की बहुवचन।

यह भी देखेंSarvanamik Visheshan | सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा एवं भेद

सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा एवं भेद - Sarvanamik Visheshan

जैसे –

  • हमारे देश की राजधानी दिल्ली है।
  • पूजा मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।
  • सलमान खान बहुत अच्छा हीरो है।
  • मुझे कल देहरादून जाना है।
  • हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी है।
  • हर साल दिवाली को बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
  • गर्मी के दिनों में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करनी चाहिए।
  • हमारे देश में सबसे अमीर व्यक्ति का नाम मुकेश अंबानी है।
  • हर घर में शिव पुराण का उच्चारण होता है।

ऊपर बताएं गए सभी उदाहरणों में दिल्ली, पूजा, सलमान खान, देहरादून, नरेंद्र मोदी, दिवाली, केदारनाथ, मुकेश अंबानी, शिव पुराण आदि सभी संज्ञा शब्द है।

Vyakti Vachak Sangya से संबंधित सवालों के जवाब (FAQs)

हिमाचल प्रदेश बहुत खूबसूरत शहर है। इसमें कौन सी संज्ञा है ?

हिमाचल प्रदेश एक शहर नाम है, इसलिए यह विशेष स्थान के आधार पर व्यक्ति वाचक संज्ञा है।

वस्तु विशेष के उदाहरण क्या क्या है?

गीता, रामायण, जहाज, आम, नारियल, बेड, लैपटॉप, कुर्सी, घर और कार आदि।

संज्ञा किसे कहते है ?

जब किसी वाक्य में किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, वस्तु, स्थान और क्रिया का बोध होता है तो उसे संज्ञा कहते है।

यह भी देखेंयहाँ जानिये सर्वनाम और उसके प्रकार के बारे में

सर्वनाम: सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Sarvanam ke Bhed

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