विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण (Visheshya ki Paribhasha)

विशेष्य (Visheshan) एक ऐसा शब्द होता है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, अवस्था या क्रिया का बोध कराता है। दूसरे शब्दों में, यह बताता है कि संज्ञा या सर्वनाम कैसा, कितना, कब, कहाँ या क्यों है।

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Reported by Saloni Uniyal

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वह शब्द को संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है, उन्हें विशेषण कहते है। लेकिन जिस वाक्य में जिस वस्तु की विशेषता बताएं जा रही है, तो उसे विशेष्य कहते है। तो आइये विस्तार से जानते है विशेष्य किसे कहते है और इसकी परिभाषा क्या है? Visheshya के बारें में विस्तार से पढ़ने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।

Visheshya | विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण
विशेष्य

विशेष्य की परिभाषा

संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले को विशेषण कहते हैं। जैसे – लाल, पीला, मोटा, पतला, काला, मीठा आदि। लेकिन जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाती है, उसे विशेष्य कहते है। जैसे – आदमी, घर, कपड़े आदि।

आसान भाषा में, जब किसी व्यक्ति, वस्तु, पदार्थ या अन्य वस्तु चींज की विशेषता बताई जाती है तो वह विशेष्य होता है। Visheshya को विस्तारपूर्वक समझने के लिए विशेषण का ज्ञान होना आवश्यक है, क्या आप जानते हो विशेषण किसे कहते है और इसके कितने भेद होते है।

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विशेष्य के भेद:

  • गुणवाचक विशेषण: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण का बोध कराते हैं, जैसे: सुंदर, बड़ा, छोटा, अच्छा, बुरा, इत्यादि।
  • संख्यावाचक विशेषण: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति की संख्या का बोध कराते हैं, जैसे: एक, दो, तीन, चार, इत्यादि।
  • क्रमवाचक विशेषण: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति के क्रम का बोध कराते हैं, जैसे: पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, इत्यादि।
  • सार्वनामिक विशेषण: ये विशेषण किसी सर्वनाम की विशेषता का बोध कराते हैं, जैसे: यह, वह, ये, वे, इत्यादि।
  • सापेक्ष विशेषण: ये विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम का संबंध किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम से दर्शाते हैं, जैसे: जो, जिसका, जिससे, इत्यादि।
  • अनिश्चित विशेषण: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति की निश्चित संख्या, गुण या क्रम का बोध नहीं कराते हैं, जैसे: कुछ, अनेक, बहुत, थोड़े, कई, इत्यादि।

उदाहरण:

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  • गुणवाचक विशेषण: सुंदर फूल
  • संख्यावाचक विशेषण: तीन लड़के
  • क्रमवाचक विशेषण: पहला पुरस्कार
  • सार्वनामिक विशेषण: यह किताब
  • सापेक्ष विशेषण: जो लड़का खेल रहा है
  • अनिश्चित विशेषण: कुछ फल

विशेष्य का महत्व:

  • वाक्यों को स्पष्ट और सुबोध बनाना।
  • संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, अवस्था या क्रिया का बोध कराना।
  • भाषा को अधिक प्रभावशाली बनाना।

उदाहरण

  • संतरा बहुत खट्टा है।

संतरा बहुत खट्टा है उपयुक्त वाक्य में संतरा – विशेष्य है और संतरा -विशेषण है। वाक्य में विशेष्य शब्द विशेषण से पहले या बाद में भी आ सकता है।

  • सोहन चतुर लड़का है।

इस वाक्य में बताया जा रहा है कि सोहन चतुर आदमी है। सोहन की विशेषता बताई जा रही है, इसलिए सोहन शब्द विशेष्य और चतुर शब्द उसकी विशेषता होगी।

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  • भारत की जनसँख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।

इस वाक्य में बताया जा रहा है कि भारत की जनसँख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। भारत देश की विशेषता बताई जा रही है इसलिए भारत शब्द विशेष्य और तेजी शब्द विशेषण होगा।

Visheshya से सम्बंधित सवालों के जवाब

Visheshya किसे कहते हैं?

विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है, उसे विशेष्य कहते है। विशेष्य शब्द के द्वारा ही किसी शब्द की विशेषता प्रकट होती हैं।

विशेषण और विशेष्य शब्द के उदाहरण बताइए?

मीना पतली है, राम बुद्धिमान है, राजू दयालु है, राधा सुंदर है , रमेश बहुत अच्छा क्रिकेटर है, मुझे मीठा पसंद है उपयुक्त वाक्यों में मीना, राम, राजू, राधा, रमेश आदि शब्द विशेष्य है और पतली, बुद्धिमान, दयालु, सूंदर, अच्छा, मीठा शब्द विशेषण है।

विशेषण और विशेष्य में क्या अंतर है?

जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराएं वह विशेषण होते है और विशेषण जिसकी विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं।

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