[Viram Chinh] – विराम चिन्ह: भेद (12), प्रयोग और नियम

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Reported by Rohit Kumar

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विराम चिन्ह किसे कहते है ?

जब हम किसी भाषा/ वाक्य को लिखते है तो उसे सही से समझने, ठहरने या रोकने के लिए विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। लिखित रूप से जिन शब्दो का प्रयोग रोकने के लिए किया जाता है, उन्हें ही Viram Chinh कहते है।

आसान से शब्दो में, किसी वाक्य के बीच के संबंध को बताने एवं वाक्य को सही से समझने या विभिन्न भागों में बाँटने के लिए अक्सर विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। हिंदी वर्णमाला में इस सब का बहुत ही महत्व है। विराम चिन्ह के उदाहरण –

  • तुम आज ऑफिस क्यों नहीं गए ?
  • हे भगवान !
  • मैं घूमने जा रही हूँ।

ऊपर बताएं गए वाक्यों में रुकने /ठहरने के लिए पूर्ण विराम (।), प्रश्नवाचक चिन्ह (?), विस्मयबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग हुआ है। क्या आप जानते हो वाक्य की परिभाषा क्या होती है, और इसके कितने भेद होते है ? जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

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विराम चिन्ह के भेद

  • पूर्ण विराम चिन्ह – Full Stop (।)
  • अल्प विराम चिन्ह – Comma (,)
  • अर्द्ध विराम चिन्ह – Semicolon (;)
  • प्रश्नवाचक चिन्ह – Sign of Interrogation (?)
  • विस्मयादिबोधक चिन्ह – Sign of Exclamation (!)
  • उद्धरण चिन्ह – Inverted Comma (” “)
  • योजक चिन्ह – Hyphen (-)
  • विवरण चिन्ह – Sign of Vivran Chinh (:—)
  • हंस पद – Sign of Hans Pad (^)
  • लाघव चिन्ह – Sign of Laaghav Chinh (°)
  • तुल्यतासूचक चिन्ह – Sign of Tulytasuchak Suchak Chinh (=)
  • लोप सूचक चिन्ह – Sign of Lop Suchak Chinh (…)
[Viram Chinh] - विराम चिन्ह : भेद (12), प्रयोग और नियम
[Viram Chinh]

विराम चिन्ह के प्रकार और नियम

1) पूर्ण विराम चिन्ह (।)

हिंदी वर्णमाला में पूर्ण विराम का चिन्ह (।) एक खड़ी रेखा के समान होता है, जिसे english में Full Stop कहते है। इसका मतलब होता है, रुकना व ठहर जाना। यह चिन्ह ये दर्शाता है कि कोई वाक्य पूर्ण (समाप्त) हो चूका है। उदाहरण के लिए –

  • राम सो रहा है।
  • कविता पढ़ाई कर रही है।
  • यदि तुम अच्छा कार्यो करोगे तो सब कुछ अच्छा ही होगा।
  • मुझे ऑफिस जाना पसंद नहीं है।

हिंदी दोहा, चोपाई, सवैया आदि में कई जगह पर Viram Chinh का प्रयोग पहले चरण के पूर्ण होने वहीं दूसरे चरण के पूर्ण होने में दो पूर्ण विराम (।।) लगाए जाते है जैसे –

जीवन में मरना भला, जो मरि जानै कोय।
मरना पहिले जो मरै, अजय अमर सो होय।।

2) अल्प विराम चिन्ह (,)

दो शब्दो के बीच में विराम देने या रुकने के लिए अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग होता है। यानि की वाक्य को सही से समझने या थोड़ी देर ठहरने के लिए अल्प विराम चिन्ह लगाया जाता है। जैसे –

  • मैं चाय पी लेता, किन्तु मन नहीं है।
  • मैं जब तक पहुँचता, देर हो चुकी थी।
  • रमेश, महेश, सुरेश आदि घूमने जयपुर गए।
  • मैं चला जाता, परन्तु मेरी तबियत ख़राब है।

3) अर्द्ध विराम चिन्ह (;)

इसे semi colon भी कहते है। अर्द्ध विराम का अर्थ है आधा विराम। इस शब्द का प्रयोग हम कम रुकने के लिए करते है। जैसे –

  • मैं घर से सीधा ऑफिस पहुंची; अपना काम किया; फिर शाम को घर आ गई।
  • यह लोगो से माफ़ी मांगता रहा; लोग रहे मारते रहे।

4) प्रश्नवाचक चिन्ह (?)

जब हम किसी से कुछ पूछना चाहते है तो उस समय प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है जैसे –

  • तुम कहा गए थे?
  • तुम कल स्कूल क्यों नहीं आएं ?
  • तुम्हारी तबियत ठीक है ?

5) विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)

इस शब्द का प्रयोग दुःख, घृणा, करुणा, शोक, घृणा, भय, हर्ष और आश्चर्य आदि भावों को प्रकट करने के लिए किया जाता है। जैसे –

  • ईश्वर करे, तुम बहुत जल्दी ठीक हो जाओ! (सद्भावना)
  • अरे! यह इतना ऊँचा कैसे चढ़ गया! (विस्मय)
  • आपका बहुत बहुत स्वागत है !
  • ओह्हो ! ये क्या हो गया।

6) उद्धरण चिन्ह (‘ ‘) एवं (” “)

किसी वाक्य में महत्वपूर्ण शब्दो को खास जोर देने के लिए उद्धरण चिन्ह का प्रयोग करते है। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जैसे – इकहरा उद्धरण चिन्ह (‘ ‘) और दुहरा उद्धरण चिन्ह (” “)

यह भी देखेंGunvachak Visheshan | गुणवाचक विशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण

गुणवाचक विशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण (Gunvachak Visheshan)

  • गाँधी के महान वचन “हमेशा सत्य बोलो “।
  • “रामायण” एक पवित्र ग्रंथ है।

7) योजक चिन्ह (-)

हिंदी भाषा में दो महत्वपूर्ण शब्दो को जोड़ने के लिए योजना चिन्ह का प्रयोग किया जाता है जैसे – भाई -बहन, माता-पिता, खाना -पीना, रात-दिन और गरीब -अमीर आदि।

8) विवरण चिन्ह  (:—)

हिंदी वाक्य में जब हमे किसी बात को आगे संक्षिप्त में बताना हो या आगे क्रम में लिखना हो तो विवरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे –

  • वचन के दो भेद होते है :- एकवचन और बहुवचन।
  • पुरूषार्थ चार हैं:— धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।

9) हंस पद (^)

जब हम किसी वाक्य को लिखते है, और उस वाक्य के बीच ने कोई शब्द रह जाता है या छूट जाता है तो शब्द को सही जगह लिखने के लिए हंस पद का प्रयोग होता है। जैसे –

  • सामान
    मैं देहरादून से ^ ले आना भूल गई।

10) लाघव चिन्ह (°)

किसी वाक्य को संक्षेप रूप से लिखने के लिए लाघव चिन्ह (०) का प्रयोग होता है। जैसे – डॉक्टर के लिए (डॉ०), प्रोफ़ेसर के लिए (प्रो०) आदि।

11) तुल्यतासूचक चिन्ह  (=)

दो शब्दो के मध्य बराबर या सामान दर्शाने के लिए (=) चिन्ह का प्रयोग होता है। जैसे – बल =शक्ति, बद =बुरा।

12) लोप सूचक चिन्ह

जब किसी वाक्य को अधूरा छोड़ दिया जाता है तो उस वाक्य के अंत में ये सूचित किया जाता है की कथन पूरा नहीं हुआ है।

जैसे –

  • मैं ठीक हूँ लेकिन …
  • मैने आपको फ़ोन किया था लेकिन ……
  • आज बारिश को बहुत हुई …..

विराम चिन्ह से संबंधित सवाल

Viram Chinh की आवश्यकता क्यों होती है ?

किसी भी वाक्य के बीच में रुकने या ठहरने के लिए इन चिन्हो की जरुरत होती है। जब दो लोग आपस में बात करते है तो पूरी बात को एक साथ नहीं बोल सकते है, शब्दो के बीच में उतार-चढ़ाव लाने के लिए Viram Chinh की सहायता ली जाती है।

अल्प विराम का चिन्ह क्या होता है ?

अल्प विराम का चिन्ह (,)होता है।

पूर्ण विराम चिन्ह के कुछ उदाहरण बताएंगे ?

मैं पुस्तक पढ़ रही हूँ। बच्चे खेल रहे है। मुझे बाजार जाना है। मैं आज एक अच्छे व्यक्ति से

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