Newton’s laws of Motion (न्यूटन के गति नियम)

Photo of author

Reported by Rohit Kumar

Published on

भौतिकी के क्षेत्र में आज भी हमें न्यूटन के द्वारा प्रतिपादित नियमों (Newton’s laws of Motion) की आवश्यकता पडती है। सर आइजैक न्यूटन के द्वारा 16 वीं सदी में दिये गये सूत्र और अनुप्रयोग आज भी तर्कसंगत और बल भौतिकी के मूल सिद्वांत माने जाते हैं। इस लेख में हम आपको न्यूटन के द्वारा गति के विषय में उनके द्वारा प्रतिपादित नियमों के बारे में बतायेंगे।

यह भी देखें :- भौतिक राशियाँ व उनके SI मात्रक

न्यूटन का पहला नियम (First law of Motion)

न्यूटन ने अपने अनुप्रयोगों (Newton’s laws of motion) के आधार पर दो चरणों में इस नियम को प्रतिपादित किया-

1-कोई भी वस्तु तब तक विरामावस्था में रहती है, जब तक कि उस पर कोई बाहय बल न आरोपित किया जाये।
2-एक समान गति से चलने वाली कोई वस्तु तब तक गतिमान रहती है, जब तक कि उसे किसी बाहरी बल के द्वारा रोका न जाय अथवा रोकने का प्रयास न किया जाय।

  • इस नियम को न्यूटन का पहला नियम या न्यूटन का जडत्व का नियम भी कहा जाता है। इस नियम की पुष्टि दैनिक जीवन के अनुप्रयोगों के आधार पर की जा सकती है-
  • जैसे यदि आप एक समान चाल से चलने वाली किसी गाडी में विराजमान हैं, तो यदि गाडी ब्रेक लेती है तो आप आगे की ओर झुकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि आपका शरीर अभी तक जडत्व की स्थिति में था। जो कि बाहरी बल लगने के कारण अपने स्थान से आगे की ओर झुक जाता है।
  • दूसरी स्थिति में यदि रूकी हुयी गाडी अचानक चल पडे तो सवार यात्री अपनी स्थिति से पीछे हटता है।
  • एक अन्य उदाहरण में यदि हम किसी फल के पेड को जोर से हिलायें तो पेड से फल गिरने लगते हैं। यह इसलिये कि वृक्ष के फल हमारे हिलाने से पूर्व जडत्व की अवस्था में थे। जैसे ही हम पेड को हिलाने लगते हैं तो फलों के जडत्व का क्रम टूट जाता है और वे गति में आ जाते हैं, जिससे वे टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं।
Newton's laws of motion (न्यूटन के गति नियम)
Newton’s laws of motion (न्यूटन के गति नियम)

यह भी देखें :- Disease Name in Hindi-English (बीमारियों के नाम)

न्यूटन का दूसरा नियम (Second law of Motion)

इस नियम के अनुसार किसी वस्तु को गति में लाने के लिये उस पर लगाया जाने वाला बल सदैव वस्तु के द्रव्यमान और वस्तु में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल समानुपाती होता है। अर्थात वस्तु के उपर जितना बल आरोपित होगा, वस्तु में त्वरण उतना ही बढता जायेगा।
न्यूटन के इस नियम से हमें संवेग संरक्षण का नियम मिलता है। इसके अनुसार किसी निकाय का सम्पूर्ण संवेग समान रहता है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

न्यूटन का तीसरा नियम (Third law of Motion)

इसे क्रिया प्रतिक्रिया का नियम भी कहा जाता है। इस नियम के अनुसार कोई भी वस्तु अपने उपर लगने वाले बाहय बल के बराबर ही बल विपरीत दिशा में आरोपित करती है।
दैनिक अनुप्रयोग में जब कोई व्यक्ति बंदूक से गोली दागता है तो बंदूक पीछे की ओर धक्का लगाती है। क्योंकि गोली के द्वारा भी बंदूक पर उतना ही बल विपरीत दिशा में आरोपित किया जाता है।

Newton’s laws of Motion से सम्बन्धित प्रश्न

न्यूटन कौन था?

यह भी देखेंMaggi Kis se Banti Hai | 2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है? यहाँ जानिए पूरी जानकारी

Maggi Kis se Banti Hai | 2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है? यहाँ जानिए पूरी जानकारी

सर आइजैक न्यूटन एक इंगलिश वैज्ञानिक थे। भौतिकी के महान वैज्ञानिक रहे न्यूटन कोें गुरूत्वाकर्षण के नियमों और गति के नियमों का जन्मदाता माना जाता है।

क्रिया प्रतिक्रिया का नियम क्या है?

न्यूटन द्वारा दिये गये गति के तीसरे नियम को ही क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहा जाता है। इसके अनुसार प्रत्येक वस्तु अपने उपर लगने वाले बल की विपरीत दिशा में समान परिमाण का बल आरोपित करती है।

भौतिकी में गति के कितने नियम हैं?

मूल रूप से न्यूटन के द्वारा प्रतिपादित तीन नियमों को गति के नियम कहा जाता है।

गति के नियमों के अतिरिक्त न्यूटन ने क्या खोजें की?

गति के नियमों के साथ साथ न्यूटन के द्वारा गुरूत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम भी दिया। इसी के साथ प्रकाशिकी में प्रकाश के अपवर्तन का सिद्वांत भी न्यूटन के द्वारा प्रदान किया गया है।

यह भी देखेंUP HSRP Apply Online | High Security Registration Number Plate (Bike, Car) Uttar Pradesh, Apply, Status @ Book My HSRP Portal

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (Bike, Car) @ Book My HSRP Portal

Photo of author

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें