Doodh Ganga Yojana: डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए करें आवेदन, पात्रता

दूध गंगा योजना के तहत, किसानों और पशुपालकों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें लोन और सब्सिडी शामिल हैं, इस योजना का लक्ष्य 10,000 स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर 50,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

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Reported by Saloni Uniyal

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डेयरी फार्मिंग बिजनेस के तहत आपको डेयरी फॉर्म खोलने के हिमाचल प्रदेश द्वारा 30 लाख रूपए तक का लोन मिलेगा और यह जो लोन है वह बहुत ही काम ब्याज दर में प्रदान की जाएगी। देश की सरकार किसानों, पशुपालकों, डेयरी फार्मिंग के बिज़नेस में सहायता करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं लाती है।

ताकि इन सब को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान हो सके। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी अपना कोई बिज़नेस कर सके हिमांचल सरकार द्वारा डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन का प्रारम्भ किया गया है। दोस्तों हम इस आर्टिकल के जरिये आपको Doodh Ganga Yojana डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए करें आवेदन, पात्रता की जानकारी आपको प्राप्त कराएंगे।

Doodh Ganga Yojana
Doodh Ganga Yojana: डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए करें आवेदन, पात्रता

Doodh Ganga Yojana क्या है

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2010 में दूध गंगा योजना की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाना और डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, किसानों और पशुपालकों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें लोन और सब्सिडी शामिल हैं, ताकि वे अपने डेयरी व्यवसाय को स्थापित और विस्तारित कर सकें। इस योजना से न केवल आर्थिक विकास में योगदान मिलता है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं।

30 लाख रुपये तक के लोन इस योजना के तहत उपलब्ध हैं, जो किसानों को उन्नत डेयरी उपकरण खरीदने, अच्छी नस्ल के पशु लाने और डेयरी फार्मिंग के अन्य आवश्यक पहलुओं में निवेश करने की सुविधा देते हैं। बैंक और नाबार्ड का सहयोग इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाता है, जिससे लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया सरल और सुगम होती है।

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इस योजना के जरिए, हिमाचल प्रदेश सरकार कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। यह न केवल किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद करता है बल्कि राज्य के दूध उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जिससे दूध और डेयरी उत्पादों की स्थानीय आपूर्ति में सुधार होता है।

Doodh Ganga Yojana से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है-

योजनादूध गंगा योजना
शुरुवात की गयीकेंद्र सरकार द्वारा
लाभार्थीदुग्ध उत्पादन से जुड़े लोग
विभागभारत सरकार, पशुपालन विभाग
उद्देश्यआर्थिक सहायता के रूप में लोन दिया जायेगा
योजना शुरू करने की तिथि2010
लाभ30 लाख
ऑफिसियल वेबसाइटhpagrisnet.gov.in
वर्ष2024
योजना को लागू करने वाला प्रथम राज्यहिमांचल प्रदेश

Doodh Ganga Yojana का उद्देश्य

Doodh Ganga Yojana का लक्ष्य 10,000 स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर 50,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने, उच्च नस्ल के पशुओं का संवर्धन, और डेयरी उत्पादकों को आधुनिक तकनीकों और बेहतर देखभाल प्रणालियों के प्रति प्रेरित करने की योजना है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

Doodh Ganga Yojana के अंतर्गत ऋण विवरण

  1. किसानों को 2 से 10 दुधारू पशुओं को खरीदने के लिए 5 लाख रुपए तक का ऋण दूध गंगा योजना के तहत दिया जायेगा।
  2. यदि कोई किसान 5 से 10 बछड़े का पालन करते है तो उनको सरकार द्वारा 4.80 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
  3. सरकार द्वारा किसानों को दूध बेचने के लिए बूथ निर्माण करने के लिए 0.56 लाख तक ऋण प्राप्त कराया जायेगा।
  4. पशुपालकों को दुग्ध उत्पादकों के परिवहन तथा कोल्ड चेन सुविधा के लिए हिमाचल सरकार द्वारा द्वारा 24.00 लाख का लोन ऋण के रूप में दिया जायेगा।
  5. किसानों को रहने के लिए जगह खरीदने के लिए सरकार द्वारा 1.80 लाख का लोन दूध गंगा योजना के तहत मिलेगा।
  6. हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दूध गंगा योजना के तहत 18.00 लाख तक का लोन मिल्क टेस्टर, मिल्किंग मशीन तथा मिल्क कूलर यूनिट 2 हजार लीटर की मशीन खरीदने के लिए देगी।
  7. किसानो को मोबाइल यूनिट के लिए 2.40 लाख का ऋण Doodh Ganga Yojana के तहत प्राप्त कराया जायेगा।

Doodh Ganga Yojana में किये गए परिवर्तन

इस योजना में सरकार द्वारा बदलाव किया गया योजना में जो ब्याज मुक्त दिया जाता था उसमे बदलाव करके अब कम कर्ज पर ही ब्याज किसानों से लिया जायेगा। अब ब्याज मुक्त कर्ज देने के बजाय कर्ज की राशि पर जो सब्सिडी मिलेगी वह सरकार को दी जायेगी। यही कारण है की Doodh Ganga Yojana में बदलाव किया गया।

हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी कम (खत्म) करने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया। सरकार का यह उदेश्य है की Doodh Ganga Yojana के तहत सभी अपना काम खोल सके। योजना के तहत सभी बेरोजगारों को रोजगार प्रदान हो सके।

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Doodh Ganga Yojana के तहत दी जाने वाली सब्सिडी

हिमाचल प्रदेश की Doodh Ganga Yojana के अंतर्गत किसानों को दूध उद्योग के लिए कम ब्याज दर पर ऋण और ऋण पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। सामान्य वर्ग के आवेदकों को 25% और SC/ST वर्ग के लिए 33% सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसका निर्धारण विभिन्न कारकों पर किया जाता है। इसके अतिरिक्त, देसी गाय खरीदने पर 20% और जर्सी गाय पर 10% सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे किसानों को उनके डेयरी व्यवसाय में आर्थिक सहायता मिलती है।

स्वयं सहायता समूह को 50% ब्याज दर में छूट

Doodh Ganga Yojana के अंतर्गत, स्वयं सहायता समूह जो 10 पशुओं के डेयरी फार्म खोलते हैं, उन्हें सरकार से 3 लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। इस ऋण पर 50% की ब्याज दर में छूट दी जाती है, और 1.5 लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज दर का भुगतान समूह को करना पड़ता है। इस प्रकार की सहायता स्वयं सहायता समूहों को उच्च गुणवत्ता के डेयरी फार्म स्थापित करने और डेयरी उद्योग में उनके प्रोत्साहन को बढ़ावा देने में मदद करती है।

डेयरी फार्म के प्रशिक्षण हेतु केंद्र किया जायेगा स्थापित

मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री सुरेंद्र कुंवर ने दूध गंगा योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में एक नया डेयरी फार्म शिक्षा केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इसके अलावा, राज्य में अनेक नए डेयरी फार्म और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इन नए केंद्रों में 400 दूध देने वाले पशुओं के लिए आधुनिक मशीनरी की सुविधा होगी, और पशुपालन से जुड़े किसानों की मदद के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

दूध गंगा योजना के लाभ एवं विशेषताएं

  1. दूध उत्पादन क्षेत्र के विकास और उत्थान के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दूध गंगा योजना की शुरुवात की गयी।
  2. दूध गंगा योजना के अंतर्गत राज्य के असंगठित दूध उत्पादन क्षेत्र में बढ़ावा के लिए अन्य सुविधाएँ होंगी उनसे ग्रामीण स्तर पर प्रारंभिक उत्पादन प्राप्त करवाएं जायेंगे।
  3. इस योजना के माध्यम से आधुनिक डेयरी फार्म बनाये जायेंगे इस योजना के माध्यम से स्वरोजगार प्रदान कराएं जायेंगे।
  4. हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पुराने डेयरी फार्म को आधुनिक डेयरी फार्म में बदला जायेगा जिसमे डेयरी फार्म में स्वच्छ दूध उत्पादन किया जायेगा जिसके लिए उत्पादकों को मशीनें तथा उपकरण दिए जायेंगे।
  5. दूध योजना के तहत सितम्बर 2010 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास (NABARD) की सहायता ली जाएगी तथा केंद्र सरकार द्वारा डेयरी वेंचर कैपिटल स्कीम के तहत रखी जाएगी।
  6. यह योजना छोटे पशुपलकों के लिए लाभदायक होगी क्योंकि सरकार द्वारा उनको उत्तम नस्ल की दुधारू पशुओं के संरक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
  7. इस योजना में सामान्य वर्ग के लोगों को 25% तथा SC, ST 33% की सब्सिडी दी जाएगी।
  8. सरकार द्वारा इस योजना में 10,000 स्वयं सहायता समूह को जोड़ा जायेगा इन समूह के द्वारा 50,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों को आत्म निर्भर बनाया जायेगा।
  9. इस योजना के तहत दूध उत्पादन कर्ताओं को 24 लाख का लोन दिया जायेगा जिसके अंतर्गत सब किसानों को रोजगार प्राप्त होगा।
  10. इस योजना में मिलने वाले ऋण पर इन्हे 50% ब्याज दर में छूट मिलती है तथा 1.5 लाख रूपए के ऋण पर ब्याज दर का भुगतान स्वयं सहायता समूह वाले करते है।
  11. इस योजना के तहत जो किसान देसी गाय खरीदता है तो उसको 20 फीसदी तथा जो जर्सी गाय खरीदता है उसको 10 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है।

दूध गंगा योजना के आवेदन हेतु पात्रता

  1. इस योजना में आवेदन सिर्फ वही कर सकता है जो हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी हो।
  2. इस योजना के अंतर्गत दुग्ध सहकारी सभाएं, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, दुग्ध संगठन तथा कंपनियां आदि इस योजना का लाभ उठा सकती है।
  3. इस योजना के तहत एक ही परिवार के लोग अलग-अलग इकाइयां लेकर अलग-अलग जगह पर इकाइयाँ स्थापित कर सकते है तथा इकाइयों की बीच की दूरी 500 मीटर से दूर होनी चाहिए।

दूध गंगा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?

  • इस योजना में अप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले हिमाचल प्रदेश की डिपार्टमेंट ऑफ़ एनिमल हसबेंडरी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर क्लिक करना है।
  • आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल कर आएगा उस पर क्लिक करें।दूध गंगा योजना 2023
  • होमपेज पर आपको doodh गंगा योजना के बारे में जानकारी दी होगी।
  • इसको अप्लाई करके योजना का लाभ उठा सकते है।

Doodh Ganga Yojana से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

Doodh Ganga Yojana के तहत SC/ST तथा सामान्य वर्ग के लोगों को कितनी सब्सिडी दी जाएगी?
इस योजना में सामान्य वर्ग के लोगों को 25% तथा SC, ST 33% की सब्सिडी दी जाएगी।

दूध गंगा योजना की शुरुवात कब और किस राज्य ने की?
2010 में दूध गंगा योजना की शुरुवात हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गयी।

दूध गंगा योजना के तहत डेयरी फार्म खोलने के लिए कितना लोन मिलेगा?
डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के तहत 30 लाख रुपए का लोन डेयरी फार्म खोलने के लिए प्रदान किया जायेगा।

दूध गंगा योजना की ऑफिसियल वेबसाइट क्या है?
दूध गंगा योजना की ऑफिसियल वेबसाइट hpagrisnet.gov.in है।

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