How to Write a Letter to the Principal (प्रधानाचार्य को पत्र कैसे लिखें)

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Reported by Saloni Uniyal

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एक स्कूली छात्र के जीवन में, कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं जब आपको अपने स्कूल के प्रिंसिपल को औपचारिक पत्र लिखना पड़ता है। यह पत्र विभिन्न कारणों से लिखा जा सकता है, जैसे कि छुट्टी का अनुरोध, किसी प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति, या किसी समस्या के बारे में शिकायत करना।

यदि आपने अभी तक प्रधानाचार्य को कोई भी पत्र नहीं लिखा है अथवा आपको यह लिखना नहीं आता तो आप हमारे इस लेख को पढ़कर पत्र लिखना सिख जाएंगे। इस लेख में हम आपको प्रिंसिपल को औपचारिक पत्र लिखने की सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहें हैं। अतः आप लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।

How to write a Letter to the Principal (प्रधानाचार्य को पत्र कैसे लिखें)
How to write a Letter to the Principal

यह भी पढ़ें- स्कूल से छुट्टी के लिए आवेदन पत्र कैसे लिखें

प्रारूप पत्र लेखन प्रारूप

यदि आप आपने प्रिंसिपल को पत्र लिखते हैं तो आपको पत्र को उसके प्रारूप के अनुसार लिखना होता है। बिना प्रारूप के पत्र नहीं लिखा जाता, हम आपको नीचे पत्र लेखन के सम्पूर्ण प्रारूप को बताने जा रहे हैं।

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1. शीर्षक:

  • पत्र लिखने की तारीख लिखें।
  • प्राप्तकर्ता का नाम, पदनाम, और पता लिखें।
  • पत्र का विषय स्पष्ट रूप से लिखें।

2. अभिवादन:

  • प्राप्तकर्ता के पदनाम के अनुसार अभिवादन लिखें (जैसे कि “माननीय प्रधानाचार्य जी”, “माननीय मंत्री जी”, “आदरणीय श्री/श्रीमती”, आदि)।

3. मुख्य भाग:

  • अपनी बात को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से लिखें।
  • विनम्र और औपचारिक भाषा का प्रयोग करें।
  • यदि आवश्यक हो, तो प्रमाण या अन्य दस्तावेज संलग्न करें।

4. समापन:

  • “धन्यवाद”, “आभारी हूँ”, “आपका विश्वासपात्र”, “भवदीय”, आदि से समाप्त करें।
  • अपना नाम, पद नाम (यदि हो), और संपर्क जानकारी लिखें।

5. हस्ताक्षर:

  • अपने पत्र पर हस्ताक्षर करें।

विभिन्न प्रकार के पत्रों के लिए प्रारूप और भाषा अलग-अलग हो सकते हैं। पत्र लिखने से पहले, प्राप्तकर्ता के पदनाम और पत्र के उद्देश्य को ध्यान में रखें।

यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं:

  • पत्र को साफ-सुथरा और व्यवस्थित लिखें।
  • पत्र में सभी आवश्यक जानकारी शामिल करें।
  • पत्र को विनम्र और औपचारिक भाषा में लिखें।
  • पत्र पर हस्ताक्षर करना न भूलें।

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1. दो दिन के अवकाश के लिए प्रधानाचार्य को पत्र लिखें

सेवा में,

श्री प्रधानाचार्य महोदय,

देहरादून पब्लिक स्कूल,

देहरादून (उत्तराखंड)

विषय- छुट्टी के लिए आवेदन चाहिए

महोदय,

सविनय निवेदन इस प्रकार से है कि मुझे दो दिन से बहुत तेज बुखार है, निरंतर दवाई लेने के बाद भी मेरे स्वास्थ्य में खास सुधार नहीं आ पाया है। जिस कारण डॉक्टर को दिखाना पड़ा, डॉक्टर ने मुझे एक – दो दिन का आराम करने की सलाह दी है, तब जाकर ही मेरी तबीयत में सुधार आ सकता है। मैं दिनांक 11 जनवरी से 12 जनवरी तक कक्षा में उपस्थित नहीं रह सकूंगा।

अतः आपसे नम्र निवेदन है कि मुझे दो दिन के अवकाश की अनुमति देने की कृपा करें। मैं इसके लिए आपका सदैव आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य

नाम- (अपना नाम लिखें)

कक्षा – 10th

दिनांक – 12/04/2024

2. पारिवारिक समारोह में शामिल होने की अनुमति के लिए अपने प्रिंसिपल को पत्र लिखें

सेवा में,

श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,

सरस्वती विद्या मंदिर, हरिद्वार

विषय- पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए अवकाश

आदरणीय महोदय,

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आपसे निवेदन इस प्रकार से है कि मैं 15 अक्तूबर को दिल्ली में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए आपकी अनुमति मांगने के लिए यह लेख लिख रहा हूँ। मुझे चार दिन (14.12.2022 से 17.12.2022) की छुट्टी की आवश्यकता होगी। इस समारोह में मेरा शामिल होना अति आवश्यक है।

इसलिए मैं इन चार दिन अपनी कक्षा में उपस्थित नहीं हो पाऊँगा। अतः आप मेरे अनुरोध को स्वीकार करें और मुझे छुट्टी देने की महान कृपा करें, मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा।

धन्यवाद

आपका आज्ञाकारी शिष्य

नाम – xyz

कक्षा-

रोल नंबर-

दिनांक –

प्रधानाचार्य को पत्र: पुन: परीक्षा की अनुमति के लिए

प्रति,

माननीय प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,

[विद्यालय का नाम]

[विद्यालय का पता]

विषय: पुन: परीक्षा की अनुमति के लिए अनुरोध

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, [आपका नाम], [कक्षा] का छात्र/छात्रा, आपसे अनुरोध करता/करती हूं कि मुझे [विषय] की पुन: परीक्षा देने की अनुमति प्रदान करें।

मेरे अनुरोध के कारण निम्नलिखित हैं:

  • [परीक्षा में खराब प्रदर्शन का कारण]
  • [परीक्षा के दौरान हुई किसी समस्या का विवरण]
  • [पुन: परीक्षा की आवश्यकता का स्पष्टीकरण]

मैं आपसे विनती करता/करती हूं कि मेरे अनुरोध पर विचार करें और मुझे पुन: परीक्षा देने की अनुमति प्रदान करें।

धन्यवाद,
भवदीय,
[आपका नाम]
[कक्षा]
[विद्यार्थी का हस्ताक्षर]
[पिता/अभिभावक का हस्ताक्षर]
[तारीख]

प्रधानाचार्य को पत्र कैसे लिखें से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

प्रधानाचार्य को पत्र कैसे लिखा जाता है?

प्रधानाचार्य को पत्र लिखना एक औपचारिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप किसी विद्यालय के प्रधानाचार्य को अपनी बात या अनुरोध बता सकते हैं। पत्र लिखते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना ज़रूरी होता है।

प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान होना चाहिए?

प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय कई महत्वपूर्ण बातों ध्यान होना चाहिए जैसे- प्रारूप, भाषा, विषय तथा औपचारिकता आदि। यह सब जानकारी आपको इस लेख में प्रदान कर दी गई है।

प्रधानाचार्य को पत्र लिखने के कुछ सामान्य कारण बताइए?

प्रधानाचार्य को पत्र लिखने के कुछ सामान्य कारण निम्न हैं- छुट्टी, प्रवेश, शुल्क, अनुशासन तथा शैक्षणिक आदि।

प्रधानाचार्य को पत्र लिखने से पहले उचित कारण का होना जरुरी है?

जी हाँ, प्रधानाचार्य को पत्र लिखने से पहले आपको पत्र लिखने का उचित कारण होना चाहिए। पत्र में अपनी बात या अनुरोध स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में लिखें। पत्र में केवल उसी विषय पर बात करें और अनावश्यक जानकारी लिखने से बचें।

प्रिंसिपल को पत्र लिखने के कारण बताइए?

प्रिंसिपल को पत्र लिखने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- छुट्टी के लिए आवेदन पत्र अथवा प्रवेश के लिए आवेदन पत्र।

क्या प्रिंसिपल को लिखा गया पत्र अनौपचारिक होता है?

नहीं, प्रिंसिपल को लिखा गया पत्र औपचारिक होता है।

अनौपचारिक पत्र किन्हें लिखा जाता है?

अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनके साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध होते हैं। यह पत्र दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों, परिचितों आदि को लिखा जाता है। अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता, स्नेह और भावनाओं को व्यक्त किया जाता है।

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