Bal Thackeray Biography: बाल ठाकरे महाराष्ट्र राज्य के रहने वाले देश एक प्रसिद्ध राजनेता (Politician) थे जिनको लोग अपनी बात मुखर तरीके से रखने के लिए जानते थे। बाला साहेब ठाकरे को लोग मराठा शेर, हिन्दू हृदय सम्राट आदि नामों से भी जाने जाते हैं। बाला साहेब महाराष्ट्र के एक निडर राजनेता के रूप जाने जाते रहे हैं। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में बाला साहेब ठाकरे जी ने शिव सेना नाम के एक मराठवादी राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी। एक कार्टूनिस्ट (cartoonist) के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले Bal Saheb Thackeray कैसे एक प्रसिद्ध राजनेता और लोगों के पथ प्रदर्शक बनें जानें हमारे इस आर्टिकल में।
दोस्तों हमारे इस आर्टिकल में हम आपके लिए बाला साहेब का जीवन परिचय और उनके जीवन से जुड़ें कार्यों, व्यक्तव्य और सिद्धांतों आदि की जानकारी लेकर आये हैं। यदि आप बाला साहेब के जीवन के बारे में जनाना और समझना चाहते हैं तो आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
बाल ठाकरे का जीवन परिचय:
पूरा नाम (Full Name) | बाल केशव ठाकरे |
जन्मतिथि (Date of Birth) | 23 जनवरी 1926 |
जन्मस्थान (Birth Place) | पुणे, महाराष्ट्र, भारत |
उम्र (Age) | मृत्यु के समय 86 वर्ष |
मृत्यु (Date of Death) | 17 नवंबर 2012 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यु का कारण (Cause of Death) | दिल का दौरा |
राजनीतिक पार्टी (Political Party) | शिवसेना |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय (Indian) |
धर्म (Religion) | हिन्दू (Hindu) |
भाषा (Language) | मराठी, हिंदी |
पेशा (Occupation) | पत्रकार, कार्टूनिस्ट, राजनेता |
कार्य (Work) | मराठी अखबार “सामना” और हिंदी अखबार “दोपहर का सामना” के संस्थापक और प्रकाशन |
Bal Saheb Thackeray का परिवार (Family)
पिता जी नाम (Father’s Name) | प्रबोधकरण केशव ठाकरे (Prabodhankar Thackeray) |
माता जी का नाम (Mother’s Name) | रमा बाई ठाकरे |
पत्नी (Wife) | मीना ठाकरे (विवाह: 13 जून 1948) |
भाई (Brothers) | श्रीकांत केशव ठाकरे, सुधा सुले, रमेश ठाकरे, |
बहन (Sister) | संजीवनी करंदीकर |
भतीजा (Nephew) | राज ठाकरे |
पोते एवं नाती | आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे, निहार ठाकरे, नेहा ठाकरे, राहुल ठाकरे, जयदीप ठाकरे |
बच्चे (Children) | तीन बेटे बिंदुमाधव ठाकरे (मृत्यु – 1996), जयदेव ठाकरे, उद्धव ठाकरे |
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बाल ठाकरे का प्रारम्भिक जीवन:
- बाला साहेब का जन्म 23 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के चंद्रसेनिय कायस्थ प्रभु परिवार में हुआ था। जो महाराष्ट्र के पुणे में रहता था।
- बाला साहेब को बचपन से ही कार्टून बनाने और लेखन में गहन रुचि थी वह शुरू से ही सरकारी नौकरी के घोर विरोधी थे। इसलिए उन्होंने कभी भी सरकारी नौकरी को करने की नहीं सोची।
- शुरुआत में अपनी जीविका चलाने के लिए बाला साहेब ने मुंबई के सुप्रसिद्ध फ्री प्रेस जर्नल अख़बार में कार्टूनिस्ट की जॉब कर ली।
- पर जल्द ही अपनी जॉब से त्याग पत्र देकर बाला साहेब ने नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद बाला साहेब ने मराठी भाषा को जानने और समझने वाले लोगों को संगठित करने के लिए संयुक्त मराठी चलवल (आंदोलन) की शुरुआत की और आंदोलन में एक प्रमुख नायक की भूमिका निभाई।
- वर्ष 1960 में बाला साहेब ने अपने भाई के साथ मिलकर स्वयं की एक कार्टून साप्ताहिक पत्रिका “मार्मिक” की शुरुआत की।
बाल ठाकरे का राजनीतिक जीवन:
- बाला साहेब ठाकरे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1966 में मुंबई के शिवजी पार्क में अपनी राजनीतिक दल शिवसेना की स्थापना से की। बाला साहेब का मानना था की हमारी शिव सेना पार्टी वीर हिन्दू सम्राट शिवजी महाराज के नाम की पार्टी है।
- वर्ष 1960 और 70 के दशक में मुंबई से दक्षिण भारतीय लोगों को बाहर भेजने के लिए ‘लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ’ अभियान चलाया था।
- इसी तरह मंबई से बिहारियों को निकालने के लिए बाला साहेब ने अपने सामना अखबार में एक मुख पत्र लिखा जिसका शीर्षक था “एक बिहारी सौ बीमारी”
- बाला साहेब के कट्टर विचारधारा के कारण राजनीतिक विरोधी भी समय-समय पर उनके घर उनसे मिलने आते थे।
- अयोध्या में बाबरी मस्जिद के तोड़ें जानें पर बाला साहेब ने अपने ब्यान में कहा था की यदि मस्जिद को शिवसैनिकों ने तोड़ा है तो यह उनके लिए गर्व की बात है।
- वर्ष 1995 में बाला साहेब की शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन कर महाराष्ट्र में पहली बार अपनी सरकार बनाई।
बाला साहेब ठाकरे के जीवन की विशेषताएं:
- बाला साहेब को घर में बना मराठी खाना बहुत पसंद था। बाला साहेब अक्सर मुंबई के चर्चगेट के प्रसिद्ध रेस्टोरेंट का इटालियन पास्ता बहुत पसंद करते थे।
- बाला साहेब ठाकरे जी की पत्नी मीना ठाकरे जी एक बहुत अच्छी Cook थीं। मुंबई के प्रसिद्ध रेस्टोरेंट से बाला साहेब अकसर ही चाइनीज, थाई फ़ूड खाना अपने घर मंगवाते रहते थे।
- शुरुआत में बाला साहेब को नॉनवेज खाना बहुत पसंद था लेकिन एक बार मुंबई में आयोजित जैन धर्म के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने जीवन भर शाकाहारी भोजन करने का निर्णय लिया।
- बाला साहेब के एक खासियत थी की वह कभी भी किसी से मिलने नहीं जाते थे बल्कि देश की हर बड़ी हस्ती बाला साहेब से मिलने मुंबई में उनके मातोश्री घर आती थी।
- बाला साहेब अपने राजनीतिक जीवन में जब भी कुछ समय के अकेले होते थे तो वह अक्सर ही पुणे अपनी माँ से मिलने पत्नी के साथ जाया करते थे और मुकुंद नगर के समर्थ अपार्टेंट में बने फ़्लैट में रहते थे।
- दशहरा के त्योहार पर बाला साहेब के भाषण को सुनने के लिए रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी।
- आपको बताते चलें की बाला साहेब एक कट्टर विचारधारा के व्यक्ति थे और जाति प्रथा के घोर विरोधी थे उनका मानना था की सभी भारतवासी हिन्दू हैं।
- बाला साहेब अक्सर ही अपनी बात और भाषणों में जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर एवं श्री लंका के प्रसिद्ध आतंकी संगठन लिट्टे की भरपूर प्रशंसा किया करते थे।
- बाला साहेब हिन्दू संस्कृति के समर्थक थे जिस कारण उन्होंने हमेशा की वेलेनटाइन डे का विरोध किया। बाला साहेब ने यह आदेश जारी किया था की प्रेमी युगलों को सार्वजनिक स्थलों पर बैठने कोई अनुमति नहीं है उनके इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ।
- NCP के अध्यक्ष शरद पंवार जी को बाला साहेब जी का राजनीतिक दुश्मन माना जाता था। लेकिन फिर भी शरद पंवार बाला साहेब के घर लंच करने और बियर पीने जाया करते थे।
- वर्ष 1996 में जब दुनिया के प्रसिद्ध पॉप स्टार माइकल जैक्सन अपने एक प्रोग्राम के संबंध में मुंबई आये थे तो वह बाला साहेब से मिलने उनके घर गए थे। जहाँ उनका दिल खोलकर स्वागत किया गया।
- बाला साहेब की एक विशेषता थी की जो भी उनके मित्र होते थे बिना डरे उनकी तारीफ किया करते थे। इसी तरह जो भी उनके आलोचक और दुश्मन थे उनका विरोध भी वह बिना डरे किया करते थे। यह बात उनके आलोचकों को भी पसंद थी।
Bal Saheb Thackeray जी की पत्नी की मृत्यु:
- वर्ष 1996 में स्वास्थ समस्या के कारण बाला साहेब जी की पत्नी मीना ठाकरे का निधन हो गया।
- 20 अप्रैल 1996 को बाला साहेब के बड़े बेटे बिंदुमाधव का निधन एक सड़क दुर्घटना में हुआ।
Bal Saheb Thackeray का निधन:
- जीवन के अंतिम समय में बाला साहेब लम्बी बीमारी के कारण खराब स्वास्थ से ग्रसित रहे।
- 25 जुलाई 2012 को साँस लेने में कठिनाई होने के कारण मुंम्बई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- इसके बाद 14 नवंबर 2012 को डॉक्टर्स ने बाला साहेब की स्वास्थ जांच में पाया की बाला साहेब अन्न-जल का त्याग कर दिया है। वह कुछ भी खा पी नहीं रहे हैं।
- जिसके बाद उनके परिवार वालों ने बाला साहेब की अस्पताल से छुट्टी दिलाकर उनके घर मातोश्री ले गए। घर पर ही ऑक्सीजन के सहारे बाला साहेब का उपचार किया जाने लगा। चिकित्सक बाला साहेब के स्वास्थ को लेकर बहुत चिंतित थे।
- अंत में 17 नवंबर 2012 को बाला साहेब के हृदय ने काम करना बंद कर दिया था और बाला साहेब ने अपने निवास स्थान में अंतिम साँस ली। डॉक्टर्स ने बाला साहेब के मृत्यु का कारण दिल का दौरा बताया था।
- बाला साहेब की मृत्यु पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने शोक जताते हुए बयान दिया था की “महाराष्ट्र की राजनीति में बाला साहेब ठाकरे का योगदान अतुलनीय था। उसे भुलाया नहीं जा सकता।”
- मुंबई के शिवाजी पार्क में पुरे राजनीतिक सम्मान के साथ बाला साहेब ठाकरे जी का अंतिम संस्कार किया गया। एक अनुमान के मुताबिक़ उनके अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
बाला साहेब के जीवन पर बनी फिल्म (film):
- दोस्तों आपको बता दें की वर्ष 2015 में बाला साहेब के जीवन पर आधारित बाळकडू के नाम एक मराठी फिल्म बन चुकी है। फिल्म के निर्माता का नाम स्वप्ना पाटकर है। फिल्म का निर्देशन अतुल काले के द्वारा किया गया है। आपको बताते चलें की फिल्म में बाल ठाकरे जी की आवाज को इस्तेमाल किया गया है। लोगों के चाहेते बाला साहेब ठाकरे को भावपूर्ण स्वरुप श्रद्धांजलि देने के लिए फिल्म को 23 जनवरी 2015 को रिलीज किया गया।
- इसी क्रम में वर्ष 2019 में भी बाला साहेब ठाकरे जी के जीवन पर ठाकरे नाम से एक हिंदी फिल्म बनाई गई जिसमें एक्टर नवाजुद्दीन सिद्द्की ने ठाकरे का रोल किया था। इसी फिल्म में ठाकरे जी की पत्नी का रोल एक्ट्रेस अमृता राव जी ने किया था। ठाकरे फिल्म को बाला साहेब की 93वीं जयंती पर 25 जनवरी 2019 को रिलीज किया गया।
बाला साहेब ठाकरे के कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध वक्तव्य (Statements):
“अगर मैं प्रधानमंत्री बनूंगा तो सबसे पहले कश्मीर को साफ करूंगा और जो भी पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भारत में आए है उन पर मुकदमा नहीं चलेगा बल्कि उन्हें गोली मार दी जाएगी। “
“महाराष्ट्र सिर्फ मराठियों का है।”
जिस तरह से इस्लामिक आतकंवाद बढ़ रहा है इसका जवाब देने का एक मात्र तरीका है हिन्दू आतंकवाद
हमें भारत और हिन्दू को बचाने के लिए आत्मघाती बम दस्ते की जरूरत है।
बाला साहेब ठाकरे, हिंदू हृदय सम्राट
Bal Saheb Thackeray से जुड़े प्रश्न एवं उत्तर (FAQs):
बाला साहेब कहाँ पर कॉर्टूनिस्ट के पद पर कार्यरत थे ?
बाला साहेब ने मुंबई के प्रसिद्ध समाचार पत्र फ्री प्रेस जर्नल में एक कार्टूनिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की।
चम्पा सिंह थापा कौन हैं ?
चम्पा सिंह थापा बाला साहेब के PA और गार्ड ‘ब्लैक कैट कमांडो ” थे जिन्होंने 27 साल तक बाला साहेब की सेवा करी।
बाला साहेब के अखबार (Newspaper) का क्या नाम है ?
बाला साहेब ने सामना नाम एक मराठी भाषा का अखबार और दोपहर का सामना के नाम से हिंदी भाषा के अखबार की स्थापना की थी।
Bal Saheb Thackeray से क्यों डरते हैं लोग ?
एक बार जब इंटरव्यू में एक पत्रकार ने बाल ठाकरे से पूछा की आपसे मुंबई के लोग क्यों डरते हैं तो बाला साहेब ने जवाब दिया आप देखें की पिंजरे में कैद शेर से लोग नहीं डरते जाकर शेर को मूंगफली खिला देते हैं तो उस शेर के रहने का क्या फायदा लेकिन मैं कहता हूँ की मैं जंगल में खुला शेर हूँ और आपको डरना चाहिए ये सच है।
शिव सेना की स्थापना कब हुई ?
बाला साहेब ने महाराष्ट्र के लोगों के अधिकार की बात को उठाने के लिए वर्ष 1966 में अपने राजनीतिक दल शिवसेना की शुरुआत की।
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के संस्थापक कौन हैं
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के संस्थापक बाला साहेब के भतीजे राज ठाकरे हैं।
लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ किसका नारा है ?
मुंबई में रह रहे दक्षिण भारतीय लोगों के विरोध में बाला साहेब ने अपने अभियान में यह लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ का नारा दिया था।